Guru Grah Seva Dham

Vaijayanti mala

वैजयंती माला

वैजयंती माला के सम्बन्ध में प्राचीन ग्रन्थों काफी महिमा का बखान किया गया है। यह माला धरा ने श्रीकृष्ण को भेंट में दी थी, अतः श्रीकृष्ण को यह माला अत्यन्त प्रिय थी। यह माला वैजयंती के बीजों से बनती है। इसे पूजा-पाठ, यज्ञ, हवन, तन्त्र व सात्विक साधनों में प्रयोग किया जाता है। वैसे तो हर मनुष्य इसे धारण कर सकता है लेकिन वैष्णव भक्त व लक्ष्मी भक्तों के लिए यह माला अत्यन्त श्रेष्ठ है वैजयंती के वृक्ष पर बहुत ही सुंदर फूल उगते हैं। इसके फूल बहुत ही सुगंधित और सुंदर होते हैं। इसके बीजों की माला बनाई जाती है। वैजयंती माला यानी विजय दिलाने वाली माला वैजयंती के फूल भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को बहुत ही प्रिय है। भगवान श्रीकृष्ण हमेशा अपने गले में इसे धारण करते थे।

1. कहते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण ने जब पहली बार राधा और उनकी सखियों के साथ रासलीला खेली थी, तब राधा ने उन्हें वैजयंती माला पहनाई थी। वैजयंती एक फूल का पौधा है जिसमें लाल तथा पीले फूल निकलते हैं। इस फूल कड़े दाने कभी टूटते नहीं, सड़ते नहीं और हमेशा चमकदार बने रहते हैं। इसका अर्थ यह है कि जब तक जीवन है, तब तक ऐसे ही बने रहो। दूसरा यह माला एक बीज है। बीच सदैव भूमि से जुड़कर ही खुद को विस्तारित करता है। इसका अर्थ यह है कि कितने भी बड़े क्यों न बन जाओ हमेशा अपनी भूमि से जुड़े रहो।

2. कहते हैं कि श्रीकृष्‍ण वैजयंती माला दो कारणों से पहनते थे। पहला कारण यह कि वैजयन्ती माला में शोभा, सौन्दर्य और माधुर्य की अधिष्ठात्री देवी लक्ष्मीजी छिपी रहती हैं क्योंकि भगवान श्रीकृष्ण के हृदय में श्रीराधा के चरण विराजमान रहते हैं इसलिए लक्ष्मीजी ने वैजयन्ती माला को अपना निवास बनाया जो हर समय भगवान के वक्षस्थल पर रहती है। दूसरा कारण यह कि श्रीकृष्ण को यह माला निरंतर राधा की याद दिलाती रहती थी ।

वैजयंती माला धारण करने के फायदे 

1. मानसिक शांति के लिए

वैजयंती माला को धारण करने से आपके अंदर और बाहर सकारात्‍मक ऊर्जा प्रवेश करती है और आपके आस-पास नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है. इस माला को धारण करने से आपको मानसिक सुकून मिलेगा और हर कार्य में सफलता और सम्मान प्राप्‍त होगा.

2. आत्‍मविश्‍वास बढ़ाए

वैजयंती माला (vaijayanti mala) धारण करने से सकारात्‍मक ऊर्जा का संचार होता है और आत्‍मविश्‍वास भी बढ़ता है. दरअलस, जब आप सकारात्‍मक रहते हैं तो आप बेहतर तरीके से काम कर पाते हैं. जिससे आपको हर काम में सफलता मिलने लगती है. ऐस में आत्‍मविश्‍वास भी बढ़ता है.

3.धन की कमी होती है दूर

श्री कृष्ण (Shree Krishna) यानी विष्णु की अर्धागिनी हैं मां लक्ष्मी. ऐसे में अगर आपके पास भगवान श्री विष्णु की पसंदीदा चीज होगी तो देवी लक्ष्‍मी का आशीर्वाद भी आपको प्राप्‍त होता रहेगा. ऐसे में अगर आप बिजनसमैन हैं या किसी तरह का व्‍यापार कर रहे हैं तो आप वैजयंती माला साथ में जरूर रखें.  नौकरीपेशा लोग भी इसे पवित्र स्थान पर रखें तो नौकरी में प्रमोशन आदि मिल सकता है.

4. मेमोरी पावर बढ़ाए  

वैजयंती माला धारण करने से आपका दिमाग तेज और शार्प होता है. अगर आप अपने साथ वैजयंती माला रखें तो इससे एकाग्रता बढ़ती है और सही दिशा में सोचने की शक्ति मिलती है. जिससे इंसान हर क्षेत्र में सफलता प्राप्‍त करता है.

5.विवाह में रुकावट होती है दूर

अगर लंबे समय से विवाह टल रहा है या शादी नहीं हो पा रही तो उन्‍हें केले के पेड़ का पूजन करना चाहिए और नियमित वैजयंती माला से 108 बार ‘ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करना चाहिए. ऐसा करने से शादी में बाधा दूर होती है.

– वैजयंती माला पहनने से मन शांत रहता है. गुस्‍सा नहीं आता है. 
– ऐसे लोग जो सामाजिक जीवन में खासे सक्रिय रहते हैं, उन्‍हें भी वैजयंती माला पहनना चाहिए. इससे उनका मान-सम्‍मान दिनों दिन बढ़ता जाता है. 
– कामकाजी महिलाओं को भी वैजयंती माला पहनने से बहुत लाभ होता है. 

वैजयंती माला धारण की विधि

वैजयंती माला धारण करने के लिये किसी भी सोमवार अथवा शुक्रवार को प्रातः काल स्नान आदि से निवृत होकर  गंगाजल या शुद्ध ताजे जल से वैजयंती माला को धोकर  चंदन , अक्षत चढ़ाएं, धूप- दीप दिखा कर माला की पूजा करें और 108 बार “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप जरूर करें। उसके बाद भगवान योगेश्वर श्री कृष्ण का ध्यान करते हुये वैजयंती  माला को धारण करें। 

वैजयंती माला को हर आयु वर्ग का व्यक्ति धारण कर के इसके दिव्य गुणों का लाभ प्राप्त कर सकता हैं।

विवाह बाधा हेतु-यदि किसी लड़का या लड़की के विवाह में लगातार बाधा आ रही है तो वैजयंती माला से ‘ऊं नमो भगवते वासुदेवाय’ मन्त्र की कम से एक माला का नित्य जाप करें और केले के पेड़ पूजन करें। ऐसा करने से विवाह में आ रही हर प्रकार की बाधा दूर हो जाती है और जातक का शीघ्र विवाह सम्पन्न हो जाता है।