नववर्ष मनाने से पहले पड़े ..
॥ ॐ नमो योगेश्वराय नमः ॥🚩
दिनाँक 01 जनवरी 2022 को नववर्ष कि हार्दिक शुभकामनाओं के संदेश कि मानो बाढ़ आ जाती है। जिसका भी status, story देखो यही देखने मिलेगा। और सबसे बड़े आश्चर्य कि बात ये है कि सभी इस बात से भली भाँति परिचित हैं कि ,यह हमारा नववर्ष नहीं बल्कि यह तो म्लेक्षो (अंग्रेजों) का नववर्ष है।
जिन अंग्रेजों कि गुलामी से आजाद होने के लिए भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद जैसे तमाम नवयुवकों ने अपने प्राणों को बलिदान कर दिया।
लेकिन हमारे खून में देश भक्ति का उबाल और पश्चिमी जगत के प्रति आक्रोश सिर्फ उनकी पुण्यतिथि पर ही आता है और Social Media पर एक Post करके ठण्डा भी हो जाता है।
जो भी भारतीय इस नववर्ष को मनाते हैं या बधाई संदेश किसी और को भेजते है वो इस बात का सबूत देते हैं कि वे अभी भी अंग्रेजों के मानसिक रूप से गुलाम हैं। और हमारे स्वतंत्रता सैनानियों के बलिदान को भुला चुके हैं।
याद रखिए हम सनातनी है और सनातन का नव वर्ष चैत्र माह क़ी प्रतिपदा (गुड़ी पढ़वा ) को मनाया जाता है।
जो भारत कि भौगोलिक, वैज्ञानिक और धार्मिक दृष्टी से उचित और शास्त्र सम्मत है।
अतः आप सभी देश प्रेमियों और सनातनीयों से विनम्र निवेदन है कि अपने आप को पहचानो और गुलामी कि सोच से बाहर आकर सनातन की ओर लौटिये।
क्यूंकि आज आप नही जागे तो आगे आने वाली पीढ़ी ये तक भूल जाएगी कि हम सनातनी है ।
हमारी परंपरा क्या है ?,
धर्म क्या है ?,
संस्कार क्या है ?
और उस समय आपको केवल पछतावे के अलावा कुछ हासिल नही होगा ।
अतः जागीये और आवाज उठाइए हम सनातनी है ।
🌳GuruGrah.com
🌞आओ चलें सनातन क़ी ओर ….