Shrimad Bhagwat Katha in Vrindavan : Shri Hitendra Krishna Ji Maharaj
श्रीमद्भागवत महापुराण का श्रवण करना बहुत बड़ी बात है। भागवत कथा का जो श्रवण करता या करवाता है उसे सात जन्मों के पुण्य की प्राप्ति होती है। पौधा लगाने पर वह धीरे-धीरे वृक्ष बनता है। इसके बाद फल देना शुरू करता है। ठीक इसी तरह भागवत कथा श्रवण से ही भाग्य, पुण्य एकत्रित होता है। कई जन्मों के पुण्य के प्रभाव से ही भागवत कथा श्रवण करने का लाभ मिलता है।
श्री हितेंद्र कृष्ण जी महाराज कहते हैं “जैसे सूर्य का उदय होता है तो अंधकार चला जाता है, उसी तरह भागवत कथा श्रवण से व सत्संग से अज्ञानता खत्म हो जाती है। महाराज कहते हैं कि सुख-दुख दोनों में भगवान का स्मरण करना चाहिए। लेकिन, जब सुख आता है तो लोग भगवान को भूल जाते हैं, और जैसे ही दुख आता है तो लोग भगवान को याद करने लगते हैं। भगवान कहते है कि जीवन को सही दिशा में और सही ढंग से जीना है तो सुख-दुख दोनों में हमें याद करें।”
“भागवत कथा के श्रवण से पाप नष्ट होते हैं। यह कथा मोक्षदायिनी है, वैसे तो हमेशा ही भागवत कथा सुनने से पुण्य प्राप्त होता है, लेकिन श्रावण मास में कथा सुनने से दोगुना पुण्य फल प्राप्त होता है।”
Shrimad Bhagwat Katha in Vrindavan (श्रावण मास) 26 July to 01 Aug. 2022. Time 2:30 PM to 07 PM : श्री हितेंद्र कृष्ण जी महाराज
Guru Grah Sevadham Vrindavan by Shri Hitendra Krishna Ji Maharaj