Guru Grah Seva Dham

स्वार्थ से ही विनाश

स्वार्थ से ही विनाश
🌍संसार में दो प्रकार के 🌳पेड़ – पौधे होते हैं-
1⃣प्रथम:- अपना फल स्वयं दे देते हैं,
जैसे – 🍋आम, 🍐अमरुद, 🍌केला इत्यादि ।
2⃣द्वितीय :- अपना फल छिपाकर रखते हैं,
जैसे – 🍪आलू, अदरक, 🌰प्याज इत्यादि ।
जो अपना फल अपने आप दे देते हैं,
उन 🌳वृक्षों को सभी खाद-पानी देकर सुरक्षित रखते हैं, और ऐसे 🌳वृक्ष फिर से 🍇फल देने के लिए तैयार हो जाते हैं ।
🤔किन्तु जो अपना फल छिपाकर रखते है,
वे जड़ सहित खोद लिए जाते हैं, उनका वजूद ही खत्म हो जाता हैं।

☺ठीक इसी प्रकार…
जो व्यक्ति अपनी 📚विद्या,💰धन, 🏋शक्ति स्वयं ही समाज सेवा में समाज के उत्थान में लगा देते हैं, उनका सभी ध्यान रखते हैं और वे मान-सम्मान पाते है।

वही दूसरी ओर जो अपनी 📚विद्या, 💰धन, 🏋शक्ति स्वार्थवश छिपाकर रखते हैं, किसी की भी सहायता से मुख मोड़े रखते है, वे जड़ सहित खोद लिए जाते है,
अर्थात् समय रहते ही भुला दिये जाते है।
🌿प्रकृति कितना महत्वपूर्ण संदेश देती है, बस समझने की बात है।
अतः आपसे भी निवेदन हैं भगवान ने आपको जो भी दिया हैं ( धन, बल, विध्या ) उसे जितना हो सके बांटिये ।
क्यूंकि धन , बल और विध्या बांटने से बढ़ते हैं घटते नहीं हैं ।

😊आपको यह प्रसंग कैसा लगा और आपने इस प्रसंग से क्या सीखा ?
कृपया अपने विचार हमे नीचे दिए गए बटन
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