धोती एक पारंपरिक वेशभूषा का वस्त्र हैं| प्राचीन काल से धोती का प्रयोग किया जाता रहा है | धोती , पाठ पूजा के लिए उत्तम वस्त्र माना जाता है, यह सात्विक वस्त्र हैं |
भारतीय आज भी धोती को चाव से पहनते हैं | उत्तर भारतीय इसको लांग से बांधते हैं, वहीं दक्षिणी भारतीय लूँगी के रूप में बांधते हैं .
आरामदायक – धोती आरामदायक वस्त्र है, जिसमें उठने, बैठने और सोने में कोई दिक्कत नहीं होती हैं | बार-बार कपड़े बदलने के झंझट से भी मुक्ति प्रदान करती है |
आध्यात्मिक विचारधारा – कपड़े तन ढकने के अलावा आपके विचारधारा भी बनाते हैं | पूजा के कपड़े आपके दिल में आध्यात्मिक विचार पैदा करती हैं, क्योंकि यह शुद्ध सात्विक वस्त्र हैं |
नपुंसकता का न आना – धोती पहनने से शरीर का तापमान नियंत्रित रहता है जिससे नपुंसकता नही आती, वहीं पश्चिमी वेशभूषा को नपुंसकता के लिए दोषी ठहराया जाता है, जो सही भी है |
बहुपयोगी – धोती को पहना भी जा सकता है, लपेटा भी जा सकता है! तौलिए की जगह उपयोग भी किया जा सकता है वहीं सामान भी लाया जा सकता है! धोती ही एकमात्र वस्त्र है, जिसमें फिटिंग की कोई दिक्कत नहीं है|
कम खर्च – धोती का कपड़ा खरीद कर हाथों हाथ पहना जा सकता है, दर्जी से सिलाई कराने की कोई दिक्कत नहीं, जिससे आप सिलाई, रफू खर्च बचा सकते हैं |