जैसे को तैसा
🌍सब कुछ लूट लो लेकिन ….
किसी की मजबूरी को मत लूटो ….
🏜कच्छ भूकंप के दौरान की एक सत्य घटना…
🚨पुलिस राहत कार्य कर रही थी।
मलबे को घर से निकालने के लिए,
जीवित बचे लोगों और मृतकों को बाहर निकाल रही थी ।
👴एक बूढ़ा आदमी एक घर के मलबे के बाहर बैठा था।पुलिस आई, उसकी पुत्रवधू का शव मलबे से निकला ….शरीर पर हर जगह गहने 💍थे …. पुलिस ने कहा ।
ये गहने रख लो, आप को काम आयेंगें ।
फटी आँखों वाले उस आदमी ने कहा ….
ले लो .. सब कुछ …. जो करना है करो …. लेकिन, मुझे यह गहने नहीं चाहिए ….
पुलिस ने लाख समझाने की कोशिश की।
लेकिन उसने गहनों से हाथ भी नहीं लगाया ।
जब पुलिस ने पूछा कि आप ये इतने कीमती गहने क्यूँ नहीं ले रहे हैं?
जब ज्यादा कहा तो उस बूढ़े आदमी ने आँखो में आँसू भरते हुए कहा कि ….
जब मोरबी का डैम टूटा था, तब मैंने ये सारे गहने मृत लोगों के गले से लूट के अपने घर ला कर अपनी पुत्र वधु को पहनाए थे।
आज मेरी बहू ने वो ही गहने पहने हुये है जो में लूट के लाया था, “मुझे कुछ नहीं चाहिए,
” आप ले लिजिये…. इतना कहतें कहतें वह फूट फूट कर रोने लगा ।
☺सारांश :-
कच्छ की इस कहानी को ध्यान में रखें,
और कोरोना के इस संकट के समय में मनुष्य की मजबूरी का लाभ ना उठाएं ।
और इसे उन सभी अयोग्य मित्रों को समझाएं जो इस कठिन समय में लोगों कि मजबूरी का फायदा उठा कर करोड़पति बनना चाहते हैं ….
🌍ये है प्रकृति का न्याय….
छल कपट और लालच में किए गए गलत कामो का परिणाम देर से सही, मिलता अवश्य है… इसीलिए तो कहतें हैं …
॥ भगवान के घर देर हैं, अंधेर नहीं ॥
😊आपको यह प्रसंग कैसा लगा और आपने इस प्रसंग से क्या सीखा ?
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